B. Ajaneesh Loknath, Shashwat Singh and Vaibhav Joshi - Kamaal Se Kamaal Ye
कमाल से कमाल ये
सुंदरता तुमने जो पाई है
ऐसा लगे जैसे परी
अंबर से धरती पे आई है
हिरनी जैसी शोख आँखें
झिझक बिना मन मे झाँके
जब से तुम्हे देखा दीवाना मैं दीवाना
मगर फिर भी ये रिश्ता क्यूँ है अंजाना
कमाल से कमाल ये
सुंदरता तुमने जो पाई है
नज़रों से मिस्री घोले, और ज़ुबान तीखी बोले
क्या तेरे दिल में है कौन जाने
सर चढ़ के हौले हौले, ये तेरा जादू बोले
बिन तेरे अब मेरा दिल ना माने
तू फूल है, या इत्र है, खुश्बू ये क्या है
कमाल से कमाल ये
सुंदरता तुमने जो पाई है
रातभर नींद ना आए, दिन में भी चैन ना आए
आ कभी देख ले हाल क्या है
ख्वाब ये जागे जागे, तेरे ही पीछे भागे
ये नहीं प्यार तो और क्या है
तू धूप भी, तू च्चाँव भी, ये राज़ क्या है
हिरनी जैसी शोख आँखें
झिझक बिना मन मे झाँके
जब से तुम्हे देखा दीवाना मैं दीवाना
मगर फिर भी ये रिश्ता क्यूँ है अंजाना
कमाल से कमाल ये
सुंदरता तुमने जो पाई है
ऐसा लगे जैसे परी
अंबर से धरती पे आई है
Written by:
Vaibhav Joshi
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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