Lost Stories, Nikhita Gandhi, Yashraj and सोमान्षु - Ruh

गुम हैं सारे पल मेरे, रहमत मुझपे कर ज़रा
पनाहों में थाम ले, हिफ़ाज़त ना है रूहें की यहाँ
आ, बाक़ी नहीं कोई एहसास है
महफ़ूज़ जो मेरी आस है
परवाह नहीं ख़ुद को मेरी
ऐसा मेरा इस्त्रार

(Yeah)

Yo, बजेगा जंग का डंका उससे पहले ख़ाली फैली है शांती
लगाके लूँगा मैं साँस, तब उड़ेगी घास पर आती जब आँधी
वो रहते हैरान, ये केसा तूफ़ान! जो दिखने में लगता इंसान ही
पर आया जब प्यार से ना आए हथियार तो काटूँगा सब को ज़बान से
आँखें झुके वो निशाने, आने-जाने वाले मेरे जैसे भूखे नहीं
पूरा ये वार्तालाप, ये ज्ञान तालाब, सरगम ये सूखे नहीं
बोले नहीं बोल-तोल के, तोल-मोल के, फँसे नहीं कभी हम झोल-मोल में
Storm goal रखा पूरा ये जिगर और कानों में rap की हम soul मोल में, yeah
बाक़ी नहीं कोई एहसास है
महफ़ूज़ जो मेरी आस है
परवाह नहीं ख़ुद को मेरी
ऐसा मेरा इस्त्रार (वोओ वोओ)
बाक़ी नहीं कोई एहसास है
महफ़ूज़ जो मेरी आस है
परवाह नहीं ख़ुद को मेरी
ऐसा मेरा इस्त्रार

Written by:
PRAYAG MEHTA, RISHAB JOSHI, SOMANSHU AGARWAL, YASHRAJ MEHRA

Publisher:
Lyrics © Songtrust Ave

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Lost Stories, Nikhita Gandhi, Yashraj and सोमान्षु

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