Mohit Chauhan, Pritam and अंतरा मित्रा - Bheegi Si Bhaagi Si

आई मेरी सुबह हंसती हंसाती
बोली आँखें तेरे लिए संदेसा है हा है
जागी आँखों को भी सपना मिलेगा
कोई ख़ुशी आने का भी अंदेशा है हां है
आहा गुलाबी सी सुबह आहा शराबी सी हवा
भीगी सी भागी सी मेरी बाजुओं में समाये
जोगी सी जागी सी कोई प्रेम धुन वो सुनाये
भीगी सी भागी सी मेरी बाजुओं में समाये
जोगी सी जागी सी कोई राम धुन वो सुनाये

राहें वाहें बोले बातें रूमानी
आओ बैठो सुनो बातें कहानी है हा है
ताज़ी ताज़ी लगे हमको रोजाना
तेरी मेरी बातें यूँ तो पुरानी है हा है
आहा ख्यालों से पले आहा ये ज़िन्दगी चले
भीगी सी भागी सी मेरी बाजुओं में समाये
जोगी सी जागी सी कोई प्रेम धुन वो सुनाये
भीगी सी भागी सी मेरी बाजुओं में समाये
जोगी सी जागी सी कोई राम धुन वो सुनाये

मेरी आँखों कि सिआही पिया देती है गवाही
मैं प्यासी थी निरासी तू पानी की सुराही
मेरी आँखों कि सिआही पिया देती है गवाही
तुझे देखा तो खिला हूँ तेरे चाहत में धुला हूँ
मिले मंदिर में खुदा जो मैं तो तुझमें यूँ मिला हूँ
मेरी आँखों कि सिआही पिया देती है गवाही (हो हो)
मेरी आँखों कि सिआही पिया देती है गवाही (हो हो)
आहां ढूंढे ना अब आहां कोई मैं खोया तू खोयी
भीगी सी भागी सी मेरी बाजुओं में समाये (हां हा हा हा )
जोगी सी जागी सी कोई प्रेम धुन वो सुनाये (हां हा हा हा )
भीगी सी भागी सी मेरी बाजुओं में समाये
जोगी सी जागी सी कोई राम धुन वो सुनाये हो हो ओ

Written by:
IRSHAD KAMIL, NA PRITAM, PRITAM CHAKRABORTY

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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