Lata Mangeshkar and Talat Mahmood - Chamka Chamka Subah Ka Tara

गया अँधेरा हुआ उजारा
गया अँधेरा हुआ उजारा
चमका चमका सुबह का तारा
गया अँधेरा हुआ उजारा
चमका चमका सुबह का तारा

टूटे दिल का बँधा सहारा
चमका चमका सुबह का तारा

साँस ख़ुशी की तन में आयी
अरमानो ने ली अंगड़ाई
जाग उठी उम्मीदे सारी
जाग उठी तकदीर हमारी
हमें किसी ने दुर पुकारा

चमका चमका सुबह का तारा(चमका चमका सुबह का तारा)
गया अँधेरा हुआ उजारा(गया अँधेरा हुआ उजारा)
चमका चमका सुबह का तारा(चमका चमका सुबह का तारा)

मुरझाई कली क्या फिर से खिलेगी
मुरझाई कली क्या फिर से खिलेगी
खोयी हुई क्या राहत मिलेगी
खोयी हुई क्या राहत मिलेगी
कही ये तारा टूट न जाए
सुबह का साथी छूट न जाए
आँखों में रह जाए नज़ारा

चमका चमका सुबह का तारा(चमका चमका सुबह का तारा)
गया अँधेरा हुआ उजारा(गया अँधेरा हुआ उजारा)
चमका चमका सुबह का तारा(चमका चमका सुबह का तारा)

गयी उदासी रौनक छायी
रोशनी अब जीवन में आयी
हंसी ख़ुशी का छेड़ो तराना
नाच उठे मन झुमे ज़माना

समा सुहाना प्यारा प्यारा(समा सुहाना प्यारा प्यारा)
चमका चमका सुबह का तारा(चमका चमका सुबह का तारा)
गया अँधेरा हुआ उजारा(गया अँधेरा हुआ उजारा)
चमका चमका सुबह का तारा(चमका चमका सुबह का तारा)
गया अँधेरा हुआ उजारा(गया अँधेरा हुआ उजारा)
चमका चमका सुबह का तारा(चमका चमका सुबह का तारा)

Written by:
C Ramchandra, Noor Lucknowi

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find