Mohammed Rafi, Omi and Asha Bhosle - Tune Roop Churaya Goriye
तूने रूप चुराया गोरिये, मेरी फसलो से
तूने रूप चुराया गोरिये, मेरी फसलो से
मेरा रूप चुराया सजना तेरी फसलो ने
तूने रूप चुराया गोरिये, मेरी फसलो से
चोरी भी करे ये सिनजोरी भी करे
वो कैसे जी वो कैसे
सुन ऐसे हा सुन ऐसे
अल्हड़ मस्त बहारो वाला, तूने भेष बनाया
इन फसलो के देख जवानी, तुझपे जोबन आया
गेहू की रंग से रंग ली तूने
अपनी ही कंचन काया
हरे भरे खेतो के रंग से तन को खूब सजाया
पीला रंग चुराया तूने, पीली सरसो से
तूने रूप चुराया गोरिये मेरी फसलो से, नही
मेरा रूप चुराया सजना तेरी फसलो ने
चोरी भी करे ये सिनजोरी भी करे
वो कैसे जी वो कैसे
सुन ऐसे हा सुन ऐसे
लत मेरी का रंग लेकर घनघोर घटा जब छाई
जमके पानी बरसा तो, धरती पे प्यास बुझाई
आ उस धरती पे तूने सजना, अपनी फसल उगाई
अरे आँचल उड़ता देख के मेरा फसल तेरी लहराई
ये होता आया बलमा
कई बरसो से
तूने रूप चुराया गोरिये मेरी फसलो से
नही रे
मेरा रूप चुराया सजना तेरी फसलो ने
तूने रूप चुराया गोरिये मेरी फसलो से
जा जा
मेरा रूप चुराया सजना तेरी फसलो ने
Written by:
Sonik-Omi, Kewal Sharma
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find