Papon - Chulbuli
चुलबुली चुलबुली ज़िन्दगी
बुलबुलों में घुली ज़िन्दगी
चुलबुली चुलबुली ज़िन्दगी
बुलबुलों में घुली ज़िन्दगी
पहले पहले कितना हाँ इतरायी थी
दूर दूर से ही शरमाई थी
पहले पहले कितना हाँ इतरायी थी (इतरायी थी)
दूर दूर से ही शरमाई थी
धीरे धीरे पास आके
मुस्कुरा के गुनगुना के
अब कहीं पे जाके
खुली ज़िन्दगी (खुली ज़िन्दगी)
चुलबुली चुलबुली ज़िन्दगी (चुलबुली चुलबुली)
ज़िन्दगी
बुलबुलों में घुली ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
प्यार क्यूँ ना हो बड़ी हसीं है
इसकी हर अदा में कोई scene है
हो प्यार क्यूँ ना हो बड़ी हसीं है
इसकी हर अदा में कोई scene है
जिद पे जब ये आये
तो ना पूछिये
मानती कहाँ ये नाजनीन है
इसकी इन इमाकातोंपे
लुट गए हैं रास्तों पे
जब शरारतों पे तुली ज़िन्दगी (तुली ज़िन्दगी)
चुलबुली चुलबुली ज़िन्दगी (चुलबुली चुलबुली)
ज़िन्दगी
बुलबुलों में घुली ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
देखने में यूँ बड़ी ही नेक है
सादगी मगर ये सारी fake है
हो देखने में यूँ बड़ी ही नेक है
सादगी मगर ये सारी fake है
दिल लगाया हमने
तो पता चला
फितरतों में इसकी heart break है
हाय कैसी बेबसी है
फिर भी ऐसे रूठती है
जैसे दूध की है धूली ज़िन्दगी (धूली ज़िन्दगी)
चुलबुली चुलबुली ज़िन्दगी (चुलबुली चुलबुली)
ज़िन्दगी
बुलबुलों में घुली ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
पहले पहले कितना हाँ इतरायी थी
दूर दूर से ही शरमाई थी
धीरे धीरे पास आके
मुस्कुरा के गुनगुना के
अब कहीं पे जाके
खुली ज़िन्दगी (खुली ज़िन्दगी)
चुलबुली चुलबुली
Written by:
GAURAV DAGAONKAR, GHALIB ASAD BHOPALI
Publisher:
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