Arijit Singh - Daayre
दिलों की मोहब्बत को बाँधे क्यूँ हाए रे
दिलों की मोहब्बत को बाँधे क्यूँ हाए रे
दायरे दायरे
दायरे दायरे
हैं क्यूँ फ़ासले दरमियाँ लेके आए रे
हैं क्यूँ फ़ासले दरमियाँ लेके आए रे
दायरे दायरे
दायरे दायरे
काँच के वो ख्वाब नाज़ुक थे हमारे सारे
छूने से ही टूटने लगे
मन्नतों में उम्र भर का साथ जिनका माँगा
हमसफ़र वो छूटने लगे
ना मरना मुनासिब जिया भी ना जाए रे
ना मरना मुनासिब जिया भी ना जाए रे
हाए रे दायरे
दायरे दायरे
हो ऊ ऊ ये ये आ ऊ ऊ हु ऊ ऊ हु ऊ ऊ
न न न ना ना ना ना
न न न ना ना ना ना
न न न ना ना ना ना ना
हो ओ हो ओ
न न न ना ना ना ना
हो ओ हो ओ
न न न ना ना ना ना
हो ओ हो ओ ना ये हो ओ ना ये हो ओ (न न न ना ना ना ना)
हो ओ हो ओ
Written by:
PRITAM CHAKRABORTY, AMITABH BHATTACHARYA
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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