Lata Mangeshkar and Chandrakanta - Haklon Ka Suno Fasana
दो हक्लो का सुनो फ़साना
दो हक्लो का सुनो फ़साना
नया शिष्य और गुरु पुराना
हक्लो का फ़साना
शूरु गुरु ने किया लिखाना
लिखो नमक वाले का ग ग ग गला स्याणा
काम था भारी ह ह बोझ उठाना
पार नदी के ले ले लेकर जाना
उसपे मालिक के ड ड डंडे खाना
गधे को सु सु सुझा एक बहाना
जान बुझ के बो बो बोझ गिराना
पानी में सब न न न नमक मिलाना
जालिम को यु यू यू सबक सिखाना
किया गुरु ने बंड लिखाना
नए शिष्य से कहा सुनाना
हक्लो का फ़साना (हक्लो का फ़साना)
शुरु शिष्य ने किया सुनाना
सून सुनो नमक वाले का ग ग ग ग ग ग गधा
काम ब भ भारी बोझ बो बो
गधे को सू सू सू सुझ
जान बुझ के गहि गहि
जा जा जालीम
इश्क़ भी हक्कला कभी ना जाना
गुरु ने उस पर डंडा ताना
हक्लो का फ़साना (हक्लो का फ़साना)
गुस्से से बोला गुरु दीवाना
न न नक़ल मेरी क क करो जी
म म म मुझे नहीं ग ग गरम करो जी
ड ड डूब मरो जी
स स सुनो रे गुरु जी
म म माफ़ करो जी
ध ध पागल धत धत तेरेकी
दे दे दे तेरी की निकल जाओ जी
हुआ ख़तम अब हकला गाना
बंद करो अब हसना हसाना
दो हक्लो का सुनो फ़साना
दो हक्लो का सुनो फ़साना
नया शिष्य और गुरु पुराना
हक्लो का फ फ फ़साना
Written by:
C Ramchandra, Noor Lucknowi
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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