पापाेन - Moh Moh Ke Dhaage
हे मोह मोह
मोह मोह के धागे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरह ये सुलझे
है रोम रोम एक तारा
है रोम रोम एक तारा
जो बादलों में से गुज़रे
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
तू होगा जरा पागल तूने मुझको है चुना
तू होगा जरा पागल तूने मुझको है चुना
कैसे तू ने अनकहा
तूने अनकहा सब सुना
तू होगा जरा पागल तूने मुझको है चुना
तू दिन सा है मैं रात आना दोनो
मिल जाए शामों की तरह
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
के ऐसा बेपरवाह मन पहले तो ना था
के ऐसा बेपरवाह मन पहले तो ना था
चिठ्ठियों को जैसे मिल गया
जैसे इक नया सा पता
के ऐसा बेपरवाह मन पहले तो ना था
ख़ाली राहें हम आंख मूंदे जाएं
पौहचे कहीं तो बेवजह
ये मोह मोह के धागे
तेरी उँगलियों से जा उलझे
कोई टोह टोह ना लागे
किस तरह गिरहा ये सुलझे
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
Written by:
ANU MALIK, VARUN GROVER
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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