Sonu Nigam and Mahalakshmi Iyer - Tu Jahaan
तू जहा मैं वाहा
संग संग यू चालू तेरे जैसे तेरा आसमान
तू जहा मैं वाहा
संग संग यू चालू तेरे जैसे तेरा आसमान
जो धूप निकली छाया बन जाउगा
जो हो तू अकेली साया बन जाउगा
जो उलझन मे हो मान मैं बहलाऊंगा
तुम आ गये हो तो जीना आया है
खुशियों का तुमने यह जाल बिछाया है
खोया है खुद को या सब कुछ पाया है
तू जहा मैं वाहा
संग संग यू चालू तेरे जैसे तेरा आसमान
हो गुम के बदल मुझपे थम जाने दे
बेचैनियो को मुझसे टकराने दे
दुखती हो कोई बात मुझपे आने दे
दिल सोचता था की कोई अपना हो
कोई राज़ ना हो जो उससे रखना हो
आँखे ना खोलू मैं शायद सपना हो
तू जहा मैं वाहा
संग संग यू चालू तेरे जैसे तेरा आसमान
Written by:
VISHAL DADLANI, SHEKHAR RAVJIANI, JAIDEEP SAHNI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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